पिछले 100 सालो से इस गांव में नहीं मनाई गई होली, बेहद डरावनी है इस गांव की कहानी
Horror story of durgapur village – झारखंड के बोकारो के पास स्थित है दुर्गापुर गांव। इस गांव की कहानी बेहद ही डरावनी है। यहां के लोगों के अंदर एक ऐसा अंधविश्वास है जो उनके दिल में दहशत पैदा कर रहा है। यहां के लोग होली का त्यौहार नहीं मनाते हैं। 100 सालों से ज़्यादा समय से इस गांव में होली का त्यौहार नहीं मनाया गया है। जब पूरा देश होली का त्यौहार मना रहा होता है, तब इस गांव के लोग दहशत में जी रहे होते हैं। तो चलिए आपको बताते हैं क्या है इसके पीछे की कहानी।
Horror story of Durgapur village – दुर्गापुर गांव की डरावनी कहानी
- झारखंड के पास बसा है दुर्गापुर गांव। इस गांव के लोगों के दिल में एक डर बैठा हुआ है। इस डर के कारण यहां के लोग होली का त्यौहार नहीं मनाते। एक ओर जहां पूरे देश में होली की तैयारियां चल रही होती हैं, वहीं दुर्गापुर गांव में मनहूसियत सी छाई होती है।
- करीब नौ हज़ार की आबादी वाले इस गांव के लोगों के दिलों में इस त्यौहार को लेकर दहशत है। यहां के लोगों का मानना है कि होली खेलने से उनके गांव में कोई न कोई मुसीबत आ जाएगी, या पूरे गांव में महामारी फैल जाएगी।
- आपको ये जानकर हैरानी होगी कि इस गांव में यह परंपरा पिछले 100 साल से भी ज़्यादा समय से चली आ रही है। इस गांव के लोग होली न मनाने के पीछे वजह बताते हैं कि उन्हें डर है कि अगर राजा के आदेशों का पालन नहीं हुआ तो उनका भूत गांव में कहर बरपा देगा।
- दरअसल कहानी कुछ इस तरह है कि कई दशकों पहले दुर्गापुर में राजा दुर्गा प्रसाद का शासन था, उन्हें होली मनाना बेहद पसंद था। कुछ समय बाद राजा के बेटे की होली के दिन ही मौत हो गई।
- इसके बाद से जब भी गांव में होली का आयोजन होता था तो यहां कभी भयंकर सूखा या फिर महामारी फैल जाती थी, जिसकी वजह से गांव के लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था जिससे गांव में कई लोगों की मौत हो जाती थी।
Horror story of durgapur village
- संयोग से एक युद्ध के दौरान राजा की मौत भी होली के दिन हुई थी। कुछ रिपोर्ट्स की माने तो अपनी मौत से पहले राजा ने अपनी प्रजा को आदेश दिया था कि उसकी प्रजा कभी होली न मनाए।
- बस तभी से इस गांव में राजा की बात का पालन किया जाता है और कोई उनकी इस बात को आज भी तोड़ने तो तैयार नहीं है इसलिए 150 साल से भी ज्यादा समय से गांव में होली नहीं मनाई जाती। गांव वाले इस आदेश को अभी भी मानते हैं।
- गांव के लोगों का ये भी मानना है कि अगर वो राजा के आदेश का पालन नहीं करेंगे तो राजा का भूत उन्हें डराएगा और सब कुछ तहस नहस कर देगा। होली के दिन उत्सव के बजाय इस गांव की गलियां बेजान और सूनी नज़र आती है।
- गांव में भूत का डर इतना ज़्यादा है कि आस-पास के गांव के लोग भी यहां के ग्रामीणों को होली पर न गुलाल लगाते हैं और न ही उनपर रंग फेंकते हैं।
- गांव के लोगों की माने तो कुछ साल पहले दुर्गापुर में कुछ मछुआरे आए थे और उन्होंने परंपरा तोड़कर होली मनाई थी। इसके बाद गांव में महामारी फैल गई थी।
अब ये लोगों का अंधविश्वास है या उनकी सोच, ये तो हम नहीं बता सकते, लेकिन सच्चाई यही है कि आज भी इस गांव के लोग होली का त्यौहार नहीं मनाते।