Monday, 19 April 2021

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भूत के खौफ से रुक गया था इस किले का काम, खास रानियों के लिए बने थे कमरे

आत्मा ने रोका था किले का काम...
- कहा जाता है कि किले के निर्माण के दौरान अजीब घटनाएं सामने आ रहीं थी। हर दूसरे दिन मजदूरों को अपना काम बिगड़ा हुआ मिलता था।
- इसके बाद पता करने पर जानकारी मिली कि य़ह जगह राठौर राजा नाहर सिंह भोमिया की थी। लोगों का मानना था कि उनकी आत्मा की वजह से निर्माण में इस तरह की दिक्कतें सामने आ रही थी।
- जिसके बाद सवाई राजा मान सिंह ने पास के पुराना घाट पर उनके लिए एक छोटा सा महल बनवाया। नाहर सिंह की आत्मा को जगह मिलने के बाद महल के निर्माण में कभी भी गड़बड़ी नहीं आई।
- इस किले का पहले नाम सुदर्शनगढ़ था, लेकिन राठौर राजा नाहर सिंह भोमिया की आत्मा का किस्सा आने के बाद इसका नाम बदलकर नाहरगढ़ कर दिया गया।

अकबर के नौ रत्नों में एक ने बनवाया था ये महल

- अकबर के नौरत्नों में से एक रहे महाराजा मान सिंह ने नाहरगढ़ किले का निर्माण करवाया था। महाराजा मान सिंह ने ही जयपुर की स्थापना भी की थी। सन् 1734 ईसवीं में इस किले का निर्माण करवाया गया।
- अरावली की पहाड़ियों पर बना यह किला आमेर और जयगढ़ किले के साथ मिलकर जयपुर शहर को सुरक्षा देने के हिसाब से बनवाया गया था। इस किले में आमिर खान से लेकर सुशांत सिंह राजपूत की फिल्में शूट हो चुकी हैं।

रानियों के लिए करवाया था शाही भवनों का निर्माण

- राजा मान सिंह की कई रानियां थी, यही वजह थी कि उन्होंने सभी रानियों के लिए शाही कमरे बनवाए थे।
- इसके लिए खास तौर पर आर्किटेक्ट को निर्देश दिए गए थे। इसे बनाने का श्रेय जयधर भट्टाचार्य को जाता है जिन्होंने रानियों ने के भवन का निर्माण किया था।
- रानियों के लिए मानवेन्द्र भवन में एक जैसे कई शाही कमरे बनवाए गए थे। जिनमें टॉयलेट से लेकर किचन तक ही व्यवस्था दी गई थी।

जानवरों का खतरा

इस किले के पीछे काफी बड़ा जंगल है। बताया जाता है कि राजा मानसिंह जंगल का इस्तेमाल शिकार के लिए करते थे। आज भी यहां कई जंगली जानवर मौजूद हैं। यही कारण है कि यहां पर्यटकों को दिन में भी महल या केसर क्यारी(किले का हिस्सा) के आस-पास नहीं घूमने देते।

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